Mathura Krishna Janmabhoomi: एक RTI के उत्तर में ASI ने किया चौकाने वाला बड़ा खुलासा- 2024

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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: औरंगजेब द्वारा मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाने का खुलासा

Mathura Krishna Janmabhoomi-शाही ईदगाह मस्जिद भूमि विवाद पर एक नया खुलासा हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने हाल ही में एक आरटीआई (RTI) के जवाब में बताया कि मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में एक हिंदू मंदिर को तोड़कर उसी जगह पर मस्जिद बनवाई थी। ASI ने 1920 के ऐतिहासिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है। यह खुलासा Mathura Krishna Janmabhoomi -शाही ईदगाह विवाद में निर्णायक साबित हो सकता है।

इस Article में हम पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानेंगे और निम्नलिखित बिन्दुओ में विशेष रूप से प्रकाश डालेंगे

  • ASI द्वारा RTI के जवाब में किया गया खुलासा
  • कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद का पृष्ठभूमि
  • मामले की वर्तमान स्थिति
  • ASI के खुलासे का महत्व
  • आगे की संभावनाएं

आइए अब एक-एक करके इन पर Bullet Points द्वारा नजर डालते हैं:

ASI द्वारा RTI के जवाब में  Mathura Krishna Janmabhoomi पर किया गया खुलासा

ASI द्वारा RTI के जवाब में Mathura Krishna Janmabhoomi पर किया गया खुलासा

  • उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी अजय प्रताप सिंह ने ASI से RTI के माध्यम से जानकारी मांगी थी।
  • उन्होंने पूछा था कि क्या 1670 में मथुरा में शाही ईदगाह बनाने के लिए केशवदेव के मंदिर को नष्ट किया गया था?
  • ASI आगरा ने 1920 के अपने सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, कटरा टीले के कुछ हिस्सों पर केशवदेव का प्राचीन मंदिर था जिसे तोड़ दिया गया।
  • उसी जगह पर औरंगजेब ने अपनी मस्जिद बनवाई थी।
  • हालांकि ASI ने krishna janmabhoomi या mathura krishna temple जैसे शब्दो का उल्लेख नहीं किया है।

कृष्ण जन्मभूमि(Mathura Krishna Janmabhoomi)-शाही ईदगाह विवाद का पृष्ठभूमि

  • कृष्ण जन्मभूमि ( krishna janmabhoomi ) पर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है।
  • हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद वास्तव में एक मंदिर था जिसे औरंगजेब ने तोड़कर मस्जिद बनवाई।
  • मुस्लिम पक्ष इस दावे का खंडन करता आया है।
  • 2020 में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद हटाने और मंदिर बहाल करने की मांग की थी।
  • 2021 में अल्लाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने की इजाजत दी थी।
  • लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। मामला अभी भी विचाराधीन है।

Mathura Krishna Janmabhoomi :मामले की वर्तमान स्थिति

  • ASI के खुलासे के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
  • ASI ने साफ तौर पर कहा है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी।
  • यह हिंदू पक्ष के दावे की पुष्टि करता है।
  • हिंदू पक्ष अब इस खुलासे का इस्तेमाल कोर्ट में करने की कोशिश करेगा।
  • मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष मजबूत करने के लिए नए सबूत ढूंढने होंगे।
  • ऐसे में इस मामले का फैसला अभी तय नहीं हुआ है। आगे की कानूनी कार्रवाई में स्थिति स्पष्ट होगी।
Mathura Krishna Janmabhoomi  ASI के खुलासे का महत्व

Mathura Krishna Janmabhoomi : ASI के खुलासे का महत्व

  • ASI एक सरकारी संस्थान है जो ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर काम करता है।
  • इसलिए इसके द्वारा किया गया खुलासा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
  • ASI ने साफ तौर पर कहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।
  • यह हिंदू पक्ष के पक्ष में एक मजबूत सबूत के रूप में काम कर सकता है।
  • ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर अदालत इसपर विचार करेगी।
  • यह मामले के फैसले को प्रभावित कर सकता है।

Mathura Krishna Janmabhoomi :आगे की संभावनाएं

  • ASI के खुलासे से इस मामले में नया मोड़ आया है।
  • अब अदालत में इस पर चर्चा होगी और दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क रखेंगे।
  • हिंदू पक्ष ASI के खुलासे का इस्तेमाल करेगा।
  • मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष मजबूत करने के लिए नए सबूत लाने होंगे।
  • अंतिम फैसला अदालत करेगी। फिलहाल यह अनिश्चित है कि निर्णय किस पक्ष के पक्ष में जाएगा।
  • लेकिन ASI का यह खुलासा इस विवाद में निर्णायक साबित हो सकता है।

इस प्रकार ASI के द्वारा RTI के जवाब में किया गया खुलासा Mathura Krishna Janmabhoomi-शाही ईदगाह विवाद में एक नया मोड़ ला सकता है। यह हिंदू पक्ष के लिए एक मजबूत सबूत का काम कर सकता है। आने वाले दिनों में अदालत का फैसला इस विवाद पर अंतिम निर्णय लाएगा।

Mathura Krishna Janmabhoomi पर Web Story देखें :

महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर ( FAQs)

प्रश्न 1: Mathura Krishna Janmabhoomi-शाही ईदगाह विवाद क्या है?

उत्तर: यह मथुरा में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच चल रहा विवाद है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद एक मंदिर था जिसे औरंगजेब ने तोड़कर मस्जिद बनवाई।

प्रश्न 2: ASI ने RTI में क्या कहा है?

उत्तर: ASI ने RTI के जवाब में कहा है कि औरंगजेब ने मथुरा में मौजूद एक प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर उसी जगह शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था।

प्रश्न 3: यह खुलासा किस पक्ष के लिए फायदेमंद है?

उत्तर: ASI का यह खुलासा हिंदू पक्ष के लिए फायदेमंद है। यह उनके दावे की पुष्टि करता है कि मस्जिद वास्तव में एक मंदिर( Mathura Krishna temple) था।

प्रश्न 4: इस मामले में अब क्या होगा?

उत्तर: ASI के इस खुलासे के बाद अब इसे अदालत में पेश किया जाएगा। दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क रखेंगे। अंतिम फैसला अदालत करेगी।

प्रश्न 5: मस्जिद कब बनाई गई थी?

उत्तर: ASI के अनुसार मस्जिद का निर्माण 1670 में औरंगजेब के शासनकाल में किया गया था।

प्रश्न 6: मंदिर कब तोड़ा गया था?

उत्तर: ASI के खुलासे के अनुसार औरंगजेब ने 1670 में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी।

प्रश्न 7: क्या अब मंदिर बनाया जाएगा?

उत्तर: यह तय नहीं है। अंतिम फैसला अदालत करेगी। ASI के खुलासे से हिंदू पक्ष की स्थिति मजबूत हुई है, लेकिन फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है।

निष्कर्ष

इस Article में हमने Mathura Krishna Janmabhoomi विवाद पर चर्चा किया और हमें इन मुख्य बिन्दुओ को समझा :

  • ASI ने RTI के जवाब में बताया कि औरंगजेब ने मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी।
  • कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह पर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
  • हिंदू पक्ष का आरोप है कि मस्जिद एक मंदिर थी।
  • ASI का खुलासा हिंदू पक्ष के लिए मजबूत सबूत है।
  • अब इसका इस्तेमाल कोर्ट में किया जाएगा।
  • मामले का अंतिम फैसला अदालत करेगी।

इस प्रकार ASI के खुलासे ने Mathura Krishna Janmabhoomi-शाही ईदगाह विवाद में नया मोड़ ला दिया है। आने वाले दिनों में इसके कानूनी पहलुओं पर विचार होगा और अंत में अदालत का फैसला Mathura Krishna temple विवाद पर अंतिम निर्णय होगा।

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