ऐसा देखा जाता है की जब प्रसिद्ध लोग अपने निजी जीवन के बारे में खबरों को साझा करते हैं, तो यह कई बार विवादास्पद हो जाता है। हाल ही में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के पिता बलकौर सिंह ने अपने नवजात बेटे के जन्म की खबर को सोशल मीडिया में शेयर करके अपनी ख़ुशी जाहिर करते वक्त , शायद ही यह सोचा होगा की अपने बुढ़ापे के सहारा के आगमन के वजह से वो परेशानी का सामना कर सकते है और उन्हें लीगल नोटिस का सामना कारण पड़ सकता है।
मालूम हो बलकौर सिंह के एक मात्र पुत्र गायक सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) की हत्या 2022 में कर दी गयी थी और उसके पुरे परिवार शोकाकुल हो गया था। 60 वर्षीय बलकौर ने अपनी बची जिंदगी में एक आशा की किरण और आगे के जिंदगी को जीने के सहारा के लिए अपने 58 वर्षीय पत्नी चरण कौर से आईवीएफ ( IVF) द्वारा एक संतान प्राप्ति के लिए एक संकल्प अपने पुत्र के जलते चिता के सामने लिया था।
इस संकल्प को परिवार का साथ मिला और के लिए पूरा परिवार ने अथक प्रयत्न भी किया और आखिरकर उनकी पत्नी चरण कौर ने 58 वर्ष के उम्र में 19 मार्च 2024 की सुबह 5 बजे एक पुत्र को जन्म देकर पुरे परिवार और सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के चाहने वाले के बीच ख़ुशी के लहर को फैलाया।
जंहा एक ओर पूरा परिवार ख़ुशीमना रहा है वही , यह खबर अब एक नए विवाद का कारण बन गई है, क्योंकि मूसेवाला की मां चरण कौर ने 58 साल की उम्र में इस तकनीक का उपयोग किया है।
सरकार ने सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के पिता बलकौर सिंह से आईवीएफ ( IVF) इलाज की जानकारी मांगी है। आइये अब इस प्रकरण को विस्तार से समझते है। सबसे पहले यह जानते है की आखिर ये IVF है क्या ? और IVF Treatment के क्या -क्या नियम है ?
आईवीएफ क्या है और इसके नियम क्या हैं?
आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक सहायक प्रजनन तकनीक है, जिसमें महिला के डिंब ([एग्स/ओवम]) को प्रयोगशाला में पुरुष के शुक्राणु से निषेचित किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से गर्भित भ्रूण ([एम्ब्रियो]) को फिर गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। आईवीएफ ( IVF) उन दंपतियों के लिए एक आशा की किरण है, जो प्राकृतिक तरीके से संतान प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
भारत में आईवीएफ ( IVF) तकनीक का उपयोग करने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं। सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 21(जी)(i) के अनुसार, आईवीएफ ( IVF) सेवाओं का लाभ उठाने वाली महिला की उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, पुरुष की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) की मां की उम्र ने खड़ा किया विवाद
सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के पिता बलकौर सिंह ने एक वीडियो जारी करके खुलासा किया कि उनकी पत्नी चरण कौर ने 58 साल की उम्र में आईवीएफ ( IVF) के माध्यम से एक बेटे को जन्म दिया है। यह उनके दिवंगत बेटे सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) का छोटा भाई है।
बलकौर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब सरकार उन्हें परेशान कर रही है और उनसे बेटे के जन्म से संबंधित दस्तावेज मांग रही है।
बलकौर सिंह का कहना है, “मैं पंजाब सरकार से, खासकर सीएम भगवंत मान से विनती करना चाहता हूं कि वे थोड़ा तरस खाएं और कम से कम इलाज तो पूरा होने दें। मैंने हर जगह कानून का पालन किया है, अगर आपको फिर भी यकीन नहीं है तो आप एफआईआर दर्ज करके मुझे जेल के अंदर कर दो। फिर जांच करो। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं सारे लीगल दस्तावेज दिखाकर फिर भी बरी निकलूंगा।”
केंद्र सरकार ने भी मांगी रिपोर्ट
इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप किया है। मंत्रालय ने पंजाब सरकार से चरण कौर के आईवीएफ ( IVF) उपचार की रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि चरण कौर ने 58 साल की उम्र में आईवीएफ ( IVF) के माध्यम से बच्चे को जन्म दिया है, जबकि नियमानुसार आयु सीमा 21 से 50 वर्ष है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखा, “आपसे अनुरोध है कि आप इस मामले को देखें और एआरटी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार इस मामले में की गई कार्रवाई की एक रिपोर्ट इस विभाग को सौंपें।”
विवाद का कारण क्या है?
इस मामले में विवाद का मुख्य कारण चरण कौर की उम्र है। वह 58 साल की हैं, जबकि आईवीएफ ( IVF) के लिए अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष है। इसलिए, सवाल उठ रहे हैं कि क्या चरण कौर ने कानून का उल्लंघन किया है और आईवीएफ ( IVF) तकनीक का गलत उपयोग किया है।
बलकौर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आईवीएफ ( IVF) इलाज के लिए लीगल दस्तावेज मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर सियासी लड़ाई लड़ने का भी आरोप लगाया, क्योंकि मूसेवाला की हत्या के बाद से उनके परिवार और पंजाब सरकार के बीच तनाव चल रहा है।
हालांकि, बलकौर सिंह का दावा है कि उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और वह सभी दस्तावेज प्रदान करने को तैयार हैं। उनका मानना है कि वे किसी भी कानूनी जांच से बरी होंगे।
तारीख | घटनाक्रम |
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29 मई, 2022 | सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) की हत्या। |
19 मार्च, 2024 | सिद्धू के 58 वर्षीय माँ ने एक बच्चे को जन्म दिया , पिता ने इस खबर को सोशल मीडिया में शेयर की |
20 मार्च, 2024 | सरकार ने आईवीएफ इलाज की रिपोर्ट मांगी। |
परिवार को दी जा रही है धमकियां?
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मूसेवाला के परिवार को धमकियां भी मिल रही हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ लोग परिवार से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें चुप रहने के लिए कह रहे हैं। हालांकि, इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है और परिवार ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।
आईवीएफ ( IVF) से जुड़े जोखिम और लाभ
चूंकि चरण कौर की उम्र ज्यादा है, इसलिए आईवीएफ ( IVF) प्रक्रिया से कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं। उम्रदराज महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, बच्चे में विकलांगता या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
हालांकि, आईवीएफ ( IVF) तकनीक का एक बड़ा लाभ यह है कि यह बांझपन से पीड़ित दंपतियों को माता-पिता बनने का अवसर प्रदान करती है। इसके माध्यम से वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और अपनी गुमशुदा खुशियों को वापस पा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के परिवार के लिए, इस बच्चे का जन्म उनकी खुशियों की वापसी है। उनके दिवंगत बेटे की याद में, यह नवजात शिशु उनकी जिंदगी में नई उम्मीदें लेकर आया है।
समाधान क्या हो सकता है?
इस विवाद का समाधान केवल तभी संभव है जब सभी पक्ष शांति और समझदारी से काम लेंगे। मूसेवाला के परिवार को आईवीएफ ( IVF) प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए और सरकारी एजेंसियों को भी संवेदनशील और मानवीय होना चाहिए।
पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को चरण कौर की उम्र को देखते हुए इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि वे कानूनी रूप से गलत नहीं पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, यदि कानून का उल्लंघन हुआ है, तो उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
अंत में, यह मामला न केवल कानूनी पहलुओं से जुड़ा है, बल्कि इसमें मानवीय भावनाएं और परिवार की खुशियां भी शामिल हैं। इसलिए, इसे संवेदनशीलता और समझदारी से देखा जाना चाहिए।
सवाल-जवाब (FAQs)
Q. आईवीएफ ( IVF) क्या है?
A. आईवीएफ ([इन विट्रो फर्टिलाइजेशन]) एक सहायक प्रजनन तकनीक है, जिसमें महिला के डिंब को प्रयोगशाला में पुरुष के शुक्राणु से निषेचित किया जाता है। इस प्रक्रिया से बने भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
Q. भारत में आईवीएफ ( IVF) के लिए क्या नियम हैं?
A. भारत में, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार, आईवीएफ ( IVF) सेवाओं का लाभ उठाने वाली महिला की उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, पुरुष की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
Q. सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) की मां की उम्र क्या है और इससे क्यों विवाद पैदा हुआ?
A. सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) की मां चरण कौर की उम्र 58 वर्ष है। उन्होंने आईवीएफ ( IVF) के माध्यम से बेटे को जन्म दिया है, जबकि नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष है। इसी कारण से यह विवाद पैदा हुआ है।
Q. क्या मूसेवाला के परिवार को धमकियां मिल रही हैं?
A. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मूसेवाला के परिवार को धमकियां मिल रही हैं और उन्हें चुप रहने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि, इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई है।
Q. उम्रदराज महिलाओं में आईवीएफ ( IVF) से क्या जोखिम हैं?
A. उम्रदराज महिलाओं में आईवीएफ( IVF) से गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, बच्चे में विकलांगता या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
Q. इस विवाद का समाधान क्या हो सकता है?
A. इस विवाद का समाधान तभी संभव है जब मूसेवाला के परिवार सभी दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे और सरकारी एजेंसियां भी संवेदनशील और मानवीय होंगी। यदि कानून का उल्लंघन हुआ है, तो उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन यदि नहीं, तो परिवार को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
Q. आईवीएफ ( IVF) का क्या लाभ है?
A. आईवीएफ ( IVF) तकनीक का एक बड़ा लाभ यह है कि यह बांझपन से पीड़ित दंपतियों को माता-पिता बनने का अवसर प्रदान करती है। इसके माध्यम से वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और अपनी गुमशुदा खुशियों को वापस लाया जा सकता है।
निष्कर्ष
सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के परिवार का यह मामला न केवल कानूनी पहलुओं से जुड़ा है, बल्कि इसमें मानवीय भावनाएं और परिवार की खुशियों की वापसी भी शामिल है। चरण कौर की उम्र 58 वर्ष होने के कारण आईवीएफ( IVF) तकनीक का उपयोग विवादास्पद बन गया है, क्योंकि भारत में इसकी अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष है। हालांकि, परिवार का दावा है कि उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और वे सभी आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने को तैयार हैं।
सिद्धू मूसेवाला (Siddhu Moosewala) के परिवार का यह मामला पर Web Story देखे:
इस विवाद का समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष शांति और समझदारी से काम लेंगे। यदि कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है, तो सरकारी एजेंसियों को परिवार को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए और उन्हें बेटे के जन्म की खुशी मनाने देना चाहिए। वहीं, यदि कानून का उल्लंघन साबित होता है, तो उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। किसी भी स्थिति में, मूसेवाला के परिवार और उनके नवजात बेटे के प्रति संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। हिंदी विनी मीडिया किसी भी कानूनी विवाद या अन्य मुद्दों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों से परामर्श करें।
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