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अयोध्या राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) : 500 साल पुराना इतिहास और भव्य निर्माण – जाने Bullet points में।
22 जनवरी 2024 को Ayodhya Ram Mandir में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से 500 साल पुरानी आस्था का संघर्ष सफल हुआ। प्रधानमंत्री मोदी सहित वीवीआईपी मेहमानों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रों के बीच पवित्र अनुष्ठान ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
आइए Bullet points के माध्यम से जानते है Ayodhya Ram Mandir के लिए रामलला की 500 वर्ष पुरानी यात्रा, अदालती लड़ाई, भव्य मंदिर निर्माण और भक्तों के उमड़े जोश के बारे में :-
1528: बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid) निर्माण से शुरू हुआ विवाद
- 1528 में बाबर के सूबेदार मीर बाकी ने राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद बनवाई।
- हिंदुओं का मानना था कि यहां पहले से मौजूद राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई।
- 1853 तक हिंदुओं ने इसपर ज्यादा आपत्ति नहीं की।
- अंग्रेजों के आने के बाद हिंदू नेताओं ने मंदिर अभियान को दोबारा शुरू किया।
Ayodhya Ram Mandir के लिए 134 साल चली लंबी कानूनी लड़ाई
- 1885 में पहली बार अदालत में मामला पहुंचा।
- 1992 में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया।
- इसके बाद से लगातार अदालतों में मामलों का चक्कर लगता रहा।
- 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया।
- 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विवाद सुलझा।
भव्य Ayodhya Ram Mandir निर्माण की प्रक्रिया
- 2020 में राम मंदिर ट्रस्ट का गठन हुआ।
- अगस्त 2020 में मंदिर का भूमि पूजन हुआ।
- 2023 में Ayodhya Ram Mandir के पहले चरण का निर्माण पूरा हुआ।
- 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
- 2024 में मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।
22 जनवरी 2024 – रामलला ( Ram Lalla) की प्राण प्रतिष्ठा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
- UP मुख्यमंत्री योगी सहित VVIP उपस्थित
- भव्य समारोह के बीच वैदिक मंत्रोच्चारण
- 6 घंटे तक चला रामलला का भव्य अभिषेक समारोह
- देशभर में भक्तों में खुशी और उत्साह का माहौल
रामलला ( Ram Lalla) के दर्शन के लिए हर दिन लाखो भक्त गण अयोध्या पहुंच रहे है।
- 23 जनवरी को मंदिर के द्वार खुलते ही उमड़ी भक्तों की भीड़।
- पहले ही दिन से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए।
- हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
- देश के सभी हिस्सों से रेल, सड़क मार्ग से पहुंचे श्रद्धालु
- भक्तों का उत्साह और आस्था देखते ही बनती है
रामलला ( Ram Lalla) का दिव्य स्वरूप और आभूषण
- 51 इंच ऊँची रामलला की मूर्ति शालिग्राम पत्थर की बनी है।
- मूर्ति पर भगवान विष्णु के 10 अवतारों का चित्रण है।
- 14 प्रकार के दिव्य आभूषणों से सुशोभित की गई मूर्ति।
- स्वर्ण मुकुट, कुंडल, हार, कंगन आदि रत्न जड़ित हैं।
- पीला रंग का धोती और लाल अंगरख़ा पहना हुआ है।
Ayodhya Ram Mandir की वास्तुकला और निर्माण शैली
- Ayodhya Ram Mandir का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है।
- 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊँचा है मंदिर।
- 392 स्तंभों और 44 द्वारों से सुसज्जित है।
- 5 मंडप – नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना और कीर्तन मंडप बनाए गए हैं।
- 21 फीट ऊँचे चबूतरे से नमी से बचाव किया गया है।
- मंदिर में लोहा नहीं, पूरी तरह से पारंपरिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
67 एकड़ विशाल राम जन्मभूमि परिसर की मास्टर प्लान
Ayodhya Ram Mandir 67 एकड़ विशाल परिसर में बन रहा है, जिसमें कई अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएँ होंगी:
- राम और मंदिर आंदोलन से संबंधित ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रहालय
- सूर्य कुंड और चंद्र कुंड जैसे पवित्र सरोवर
- वाल्मीकि आश्रम और लव-कुश की मूर्तियाँ
- जटायु की मूर्ति सहित पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार
- गौशाला, परिक्रमा मार्ग, भोजनालय, ऑडिटोरियम आदि
- आगंतुक सुविधाएँ जैसे प्रवेश गेट, प्रतीक्षालय, पेयजल, शौचालय आदि
- सीसीटीवी, बैरिकेड, बैग जाँच जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएँ
Ayodhya Ram Mandir निर्माण में शामिल संस्थाएँ
- ललारसन स्टोन क्राफ्ट्स – पत्थरों की शिल्प कला
- टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड – परामर्श और प्रबंधन
- L&T – मंदिर निर्माण
- अरुण योगिराज – मूर्तिकार
- मनीष त्रिपाठी – वस्त्र निर्माता
- हरसहायमल श्यामलाल – आभूषणकार
- शिल्पमंजरी – फूलों की माला निर्माण
Ayodhya Ram Mandir के लिए ₹1,800 करोड़ रुपए का बजट
- दान से 1000 करोड़ रुपए इकट्ठा हुए
- कुल प्रोजेक्ट लागत अनुमानित₹1,800 करोड़
- उत्तर प्रदेश सरकार ने दिए 300 करोड़
- 3 लाख घनफुट से अधिक खुदाई हुई पत्थर इस्तेमाल
- 6000 टन लाल बलुआ पत्थर मंदिर के गर्भगृह के लिए
- 17,000 तांबे की पट्टियाँ छत के लिए भक्तों ने दान दी
- 250 प्रसिद्ध शिल्पकारों ने काम किया
Ayodhya Ram Mandir से अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
राम मंदिर निर्माण से अयोध्या को कई तरह से लाभ हुआ है:
- हजारो श्रमिक वर्तमान में निर्माण कार्य में लगे हुए हैं।
- अयोध्या के MSMEs को 16 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले।
- स्थानीय कांसे के कारीगरों की मांग बढ़ी
- रियल एस्टेट में 50-60% तक की वृद्धि
- 5 लाख अतिरिक्त होटल कमरों की ज़रूरत
- पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा
- धार्मिक स्मृति चिन्हों की दुकानें खुलीं
- कृषि उत्पादन में वृद्धि
अयोध्या में 85 हज़ार करोड़ रुपए का विकास कार्य
अयोध्या में 85000 हज़ार करोड़ रुपए का विकास कार्य चल रहे है , उनमे से प्रमुख है :
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण
- सरयू नदी के 84 घाटों का सौंदर्यीकरण
- सड़कों का विस्तार और सुधार
- रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण
- सड़कों के दोनों ओर सजावटी लाइटें और पेड़
- पानी, नालियों और बिजली की व्यवस्था में सुधार
- धर्मशालाओं और होटलों का निर्माण
134 साल चली जटिल कानूनी कहानी का संक्षिप्त इतिहास
अयोध्या विवाद ने 134 साल तक विभिन्न अदालतों में भ्रमित किया। मुख्य मोड़:
- 1885 – महंत रघुबर दास का केस
- 1950 – निर्मोही अखाड़ा और विशारद के केस
- 1959 – निर्मोही अखाड़ा ने स्वामित्व का दावा
- 1961 – सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने केस किया
- 1989 – रामलला के दोस्त ने केस किया
- 2002 – अलीगढ़ HC में सुनवाई शुरू
- 2003 – ASI ने खुदाई की
- 2010 – इलाहाबाद HC का ऐतिहासिक फैसला
- 2019 – सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला
Ayodhya Ram Mandir निर्माण की मुख्य उपलब्धियाँ
- 1989 – विहिप द्वारा शिलान्यास
- 2002 – रामजन्मभूमि न्यास का गठन
- 2015 – पत्थरों का संग्रह और तराशना शुरू
- 2017 – श्रीराम जन्मभूमि टीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन
- 2020 – पीएम मोदी द्वारा भूमि पूजन
- 2022 – मंदिर के पहले तल का निर्माण
- 2023 – मुख्य मंदिर का निर्माण पूरा
- 2024 – रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
निष्कर्ष
हमने प्रमुख Bullet points के द्वारा Ayodhya Ram Mandir और रामलला की 500 वर्ष पुरानी यात्रा, अदालती लड़ाई, भव्य मंदिर निर्माण और भक्तों के उमड़े जोश के बारे में जाना अब अंत में कहना की अयोध्या राम मंदिर निर्माण भारतीय सभ्यता की सांस्कृतिक और पुनर्जागरण की भावना की प्रतीक है। 500 साल बाद रामलला (Ram Lalla ) के दर्शन से भक्तगण आनंदित हैं। यह मंदिर न केवल हिंदू धर्म बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनेगा।
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