दूल्हा पहुंचा लेट, तो जीजा से ही रचा ली शादी, जाने इस तमाशा को विस्तार से : साली-जीजा का विवाह

साली-जीजा का विवाह: मौसी क्यों बन गई मम्मी

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में हाल ही में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। यहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (CM Collective Marriage Scheme) के तहत आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह में एक लड़की ने अपने जीजा से शादी कर ली। जब तय तारीख पर दूल्हा (बाहर का लड़का) समय पर नहीं पहुंचा तो लड़की ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने जीजा के साथ विवाह-बंधन में बंध गई।

यह घटना इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि लड़की का जीजा पहले से ही दो बच्चों का पिता है। ऐसे में अब यह महिला अपने भांजों की मौसी बनकर उनकी दूसरी मां का किरदार निभाएगी।

आइए इस अजीबो-गरीब मामले पर विस्तार से जानते हैं, सबसे पहले इन मुख्य बिन्दुओ पर नजर डाल कर पुरे घटनाक्रम को समझते है :

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना  :साली-जीजा का विवाह

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत साली-जीजा का विवाह : मुख्य बिंदु (Main Points)

  • झांसी के पॉलिटेक्निक मैदान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया था।
  • समारोह में एक जोड़े की उम्र में काफी अंतर नजर आ रहा था। बाद में पता चला कि लड़की की उम्र 20 साल है और लड़के की उम्र 32 साल है।
  • यह लड़का लड़की का जीजा (Sister’s Husband) था, जो पहले से ही दो बच्चों का पिता है।
  • लड़की का नाम खुशी है, जो झांसी के बामोर की रहने वाली है। उसकी शादी का रजिस्ट्रेशन इस सामूहिक विवाह समारोह में 36 नंबर पर था।
  • खुशी की शादी छतरपुर, मध्य प्रदेश के एक लड़के बृषभान के साथ तय हुई थी। लेकिन समारोह के दिन जब बृषभान समय पर नहीं पहुंचा तो उसकी जगह खुशी के जीजा दिनेश ने ले ली।
  • दिनेश ने दावा किया कि विभाग के कुछ लोगों ने उन्हें ऐसा करने को कहा था। खुशी ने भी माना कि जब दूल्हा नहीं आया तो उसने मौके का फायदा उठाते हुए अपने जीजा से शादी कर ली।
  • दोनों ने शादी के बाद सिंदूर भराई और फोटोशूट भी कराया। लेकिन जैसे ही समारोह खत्म हुआ, खुशी ने अपनी मांग से सिंदूर साफ कर दिया।
  • कई लोगों ने आरोप लगाया कि ये लोग विवाह योजना से मिलने वाले इनाम के लालच में ऐसा किया। लेकिन समाज कल्याण अधिकारी ने इन आरोपों से इनकार किया।

साली-जीजा का विवाह के इस Newsको यूट्यूब चैनल UP Tak का video से भी समझते है :

वजह क्या है? (Reasons)

अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसी अजीबो-गरीब घटना कैसे घटी? इसके पीछे की वजहें क्या हैं?

  • सबसे बड़ी वजह लगती है कि तय तारीख पर दूल्हा नहीं पहुंचा। अगर वह समय पर आ जाता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती।
  • कुछ लोगों का मानना है कि खुशी और दिनेश पहले से ही आपस में संबंध बनाए हुए थे। इसीलिए जब मौका मिला तो दोनों ने शादी कर ली।
  • विभाग के कुछ अधिकारियों ने भी दिनेश को दूल्हे की जगह बैठने को कहा था। ऐसे में उसे लगा कि विभाग इस शादी को मान्यता देगा।
  • कुछ लोगों का कहना है कि दोनों ने विवाह योजना से मिलने वाले इनाम के लालच में ऐसा किया। लेकिन अधिकारियों ने यह आरोप खारिज कर दिया है।
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परिणाम क्या हुआ? (Consequences)

इस मामले का क्या परिणाम निकला, यह भी जानना जरूरी है:

  • जैसे ही समारोह खत्म हुआ, खुशी ने अपनी मांग से सिंदूर मिटा दिया। इससे साफ है कि उसने यह शादी महज मौका पाकर कर ली थी।
  • समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने कहा कि अगर इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत मिलती है तो उसकी जांच की जाएगी।
  • अभी तक इस पूरे मामले की कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं है। न तो खुशी-दिनेश की शादी को कानूनी मान्यता मिली है और न ही अवैध घोषित किया गया है।
  • दिनेश ने दावा किया है कि वह अपनी पत्नी खुशी के साथ रहेगा। लेकिन अभी किसी भी तरह के कानूनी दस्तावेज नहीं बने हैं।
  • इस पूरे मामले से सामूहिक विवाह योजना की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान लग गया है।

साली-जीजा का विवाह पर वेब स्टोरी भी देखे :

आगे क्या हो सकता है? (Future Possibilities)

आने वाले समय में इस मामले के क्या नतीजे निकल सकते हैं, इस पर भी विचार करना जरूरी है:

  • संभव है कि खुशी और दिनेश आपस में समझौता कर लें और इस शादी को कानूनी मान्यता दिलवाने की कोशिश करें।
  • यह भी हो सकता है कि दोनों अलग हो जाएं और खुशी अपने मूल दूल्हा बृषभान के साथ शादी कर ले।
  • अगर इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज होती है, तो पुलिस जांच शुरू कर सकती है।
  • सरकार भी इस पूरे मुद्दे की जांच के आदेश दे सकती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

इस तरह झांसी में हुई एक अजीबो-गरीब घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाला समय ही बताएगा कि इसका क्या अंतिम परिणाम निकलता है और इससे क्या सबक सीखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना  :साली-जीजा का विवाह

साली-जीजा का विवाह: निष्कर्ष (Conclusion)

साली-जीजा का विवाह के इस पूरे मामले से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी परंपराओं और मूल्यों को कायम रखना चाहिए। सामूहिक विवाह जैसी पहल का उद्देश्य समाज की भलाई के लिए होता है, लेकिन यदि इसका गलत इस्तेमाल किया जाए तो नुकसान ही होगा। ऐसे में हम सभी को जागरूक रहने जरुरत है और ऐसी गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए।

साथ ही, कानून का भी सम्मान करना बहुत जरूरी है। यदि इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाए, तो शायद भविष्य में लोग ऐसी गलतियां नहीं करेंगे।

आशा की जाती है कि आने वाले समय में सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही, सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाली प्रक्रियाओं में भी सुधार किए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न घट सकें।

डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता के लिए विनी मीडिया की कोई जिम्मेदारी नहीं है।

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