ISRO गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के इन 4 एस्ट्रोनॉट्स का चेहरा आया सामने, जानिए कौन- कौन है भारत के पहले स्पेस ट्रैवलर्स?

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission): भारत के चुनिंदा 4 एस्ट्रोनॉट्स जिनकी ट्रेनिंग जारी है

भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान (Gagayaan) की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। इस ऐतिहासिक मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के 4 टेस्ट पायलटों का चयन किया गया है, जिनका प्रशिक्षण और तैयारी जोरों पर है। आइए जानते हैं इन चुनिंदा एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) के बारे में:

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के लिए चुने गए 4 एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ISRO गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के लिए चुने गए 4 एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) के नामों की घोषणा की:

  1. प्रशांत बालकृष्णन नायर – भारतीय वायु सेना का ग्रुप कप्तान
  2. अंगद प्रताप – भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर
  3. अजीत कृष्णन – भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर
  4. शुभांशु शुक्ला – भारतीय वायु सेना का ग्रुप कप्तान

ये सभी भारतीय वायु सेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं, जिन्होंने विभिन्न प्रकार के फाइटर जेट्स को उड़ाया है। इनका चयन एक लंबी और कड़ी प्रक्रिया के बाद किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इन चारों एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts )को ‘एस्ट्रोनॉट विंग्स’ भी प्रदान की, जिससे उनका औपचारिक रूप से गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) में एस्ट्रोनॉट के रूप में चयन हो गया।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) का प्रशिक्षण

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के लिए चुने गए ये चारों एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) वर्तमान में बेंगलुरु स्थित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फ़ैसिलिटी में अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयारी और प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनका प्रशिक्षण दो चरणों में हो रहा है:

1. बेसिक ट्रेनिंग

  • सभी 4 एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को साल 2020 में रूस भेजा गया था
  • वहां गगरीन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में 1 साल तक बेसिक ट्रेनिंग
  • रूसी Soyuz स्पेसक्राफ्ट और सिस्टम्स के बारे में ट्रेनिंग
  • 2021 में सफलतापूर्वक बेसिक ट्रेनिंग पूरी की

2. एडवांस ट्रेनिंग

  • फिलहाल बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फ़ैसिलिटी में
  • गगनयान स्पेसक्राफ्ट और सिस्टम्स पर एडवांस्ड ट्रेनिंग
  • मिशन-स्पेसिफिक ट्रेनिंग और सिमुलेशन
  • फिटनेस और मेडिकल टेस्ट

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission)एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts )को ट्रेनिंग के दौरान न केवल तकनीकी प्रशिक्षण मिल रहा है, बल्कि शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें स्पेस में रहने के लिए तैयार किया जा रहा है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts )की ट्रेनिंग क्या सिखाती है?

गगनयान मिशन के लिए चुने गए एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को निम्नलिखित प्रमुख प्रशिक्षण दिया जाता है:

  • स्पेसक्राफ्ट सिस्टम – स्पेसक्राफ्ट के विभिन्न सिस्टम जैसे लाइफ सपोर्ट, नेविगेशन आदि को समझना और इनका ऑपरेशन।
  • ड्रिल और सिमुलेशन – आपातकालीन प्रोसीजर्स और सिमुलेटर पर प्रैक्टिस।
  • शारीरिक फिटनेस – अंतरिक्ष में रहने के लिए शारीरिक क्षमता और सहनशक्ति बढ़ाना।
  • चिकित्सा और चोट प्रबंधन – अंतरिक्ष में चोट या बीमारी के इलाज के लिए चिकित्सा प्रशिक्षण।
  • मानसिक तैयारी – मानसिक तनाव और दबाव से निपटने के लिए तकनीकें सिखाना।
  • टीमवर्क – एक टीम के रूप में काम करना और एक-दूसरे पर भरोसा।

इस तरह के व्यापक प्रशिक्षण से गगनयान एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को अंतरिक्ष में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) क्रू मॉड्यूल के बारे में

गगनयान मिशन में एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) एक क्रू मॉड्यूल में सफर करेंगे। क्रू मॉड्यूल एक कैप्सूल जैसा हिस्सा है जिसमें एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) बैठेंगे। इसकी प्रमुख विशेषताएं:

  • दोहरी दीवारों वाला अत्याधुनिक केबिन
  • जीवन समर्थन प्रणाली – ऑक्सीजन, तापमान नियंत्रण आदि
  • नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम
  • आपातकालीन प्रक्रियाएं और पैराशूट

क्रू मॉड्यूल का मुख्य उद्देश्य एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को सुरक्षित रखना है। इसलिए इसका डिज़ाइन और इंजीनियरिंग में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) से पहले, क्रू मॉड्यूल का कई परीक्षणों और ट्रायल उड़ानों से गुजरना भी जरूरी है। ये सुनिश्चित करेगा कि मिशन के दौरान एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को कोई खतरा नहीं है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) लॉन्च वाहन

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के लिए एक विशेष प्रकार का लॉन्च वाहन बनाया जा रहा है, जिसे एचएलवी-मार्क 3 (HLV-Mark 3) कहा जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएं:

  • HLV-Mark 3 रॉकेट गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के लिए विकसित
  • जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट का मानव-रेटेड संस्करण
  • क्रू मॉड्यूल को 400 किमी की कक्षा में पहुंचाने में सक्षम
  • क्रू एस्केप सिस्टम सहित विशेष सुरक्षा व्यवस्थाएं और आपातकालीन प्रणालियां
  • उन्नत क्रायोजेनिक इंजन और बूस्टर

HLV-Mark 3 का निर्माण और परीक्षण अभी भी जारी है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) का लक्ष्य

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) का प्राथमिक लक्ष्य भारतीय एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्पेस में भेजना है। इसके लिए निम्न लक्ष्य हैं:

  • 3 भारतीय एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) 400 km की ऊँचाई पर 7 दिन तक रहेंगे
  • वे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग भी करेंगे
  • सुरक्षित लौटने पर मिशन सफल माना जाएगा

गगनयान से पहले 2 टेस्ट उड़ानें भी होंगी जिनमें क्रू मॉड्यूल का परीक्षण किया जाएगा।

यह मिशन भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता प्राप्त करने में मदद करेगा। इससे भारत चुनिंदा अंतरिक्ष शक्तियों की लीग में शामिल होगा।

गगनयान(Gaganyaan mission) से भारत को क्या लाभ होंगे?

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) से भारत को कई तरह के लाभ होंगे:

  • प्रौद्योगिकी क्षमता – मानव अंतरिक्ष यान बनाने की क्षमता हासिल करना।
  • रोजगार सृजन – अंतरिक्ष क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी, विशेषज्ञों की जरूरत होगी।
  • उद्योग विकास – घरेलू उद्योग और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा।
  • वैज्ञानिक अनुसंधान – स्पेस में नए प्रयोग और शोध करने का अवसर मिलेगा।
  • राष्ट्रीय गौरव – प्रौद्योगिकी की दृष्टि से भारत का मान बढ़ेगा।

यह मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की पंक्ति में लाने में मील का पत्थर साबित होगा।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) FAQs

गगनयान मिशन कब (Gaganyaan mission) तक पूरा होगा?

गगनयान का पहला पायलट मिशन 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग और लॉन्च वाहन विकास जारी है।

गगनयान से कितने एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) भेजे जाएंगे?

गगनयान का पहला मिशन 2-3 एस्ट्रोनॉट्स को ले जाएगा। भविष्य में अधिक एस्ट्रोनॉट्स ( Astronauts ) भेजने की योजना है।

गगनयान की कुल कितनी उड़ानें होंगी?

गगनयान कार्यक्रम में कुल 5 मानव उड़ानें होंगी, जिनमें 2 टेस्ट उड़ानें शामिल हैं।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission)कितने रुपए की लागत का है?

गगनयान मिशन की कुल अनुमानित लागत ₹10,000 करोड़ है।

गगनयान की लॉन्चिंग कहाँ होगी?

गगनयान लॉन्च श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया जाएगा।

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) के एस्ट्रोनॉट कितने समय तक स्पेस में रहेंगे?

गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट लगभग 7 दिनों तक 400 किमी की ऊंचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट में रहेंगे।

गगनयान से पहले कितने टेस्ट मिशन होंगे?

गगनयान से पहले 2 अमानव टेस्ट मिशन शॉर्टलिस्ट किए गए हैं, जिनमें क्रू मॉड्यूल का परीक्षण किया जाएगा।

इस प्रकार गगनयान मिशन (Gaganyaan mission)भारत के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि साबित होगा। यह हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता का प्रमाण होगा। भारत जल्द ही मानव अंतरिक्ष उड़ान करने वाला चौथा देश बनने को तैयार है।

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निष्कर्ष

गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) भारत के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है जिससे देश मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षेत्र में प्रवेश करेगा। इस मिशन के लिए 4 भारतीय वायु सेना पायलटों का चयन किया गया है जिनका रूस और भारत में व्यापक प्रशिक्षण चल रहा है। एचएलवी-मार्क 3 नामक विशेष लॉन्च वाहन का निर्माण भी इस मिशन के लिए किया जा रहा है। गगनयान से भारत को तकनीकी क्षमता में वृद्धि, रोजगार सृजन और वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा। यह मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की पंक्ति में लाएगा।

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