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RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को फिर बताया ‘जोखिम’, निवेशकों के लिए आखिरी चेतावनी?
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) के निवेशकों को एक बार फिर बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मुद्दे पर फिर से अपना रुख स्पष्ट किया है। आरबीआई (RBI) के कार्यकारी निदेशक पी वासुदेवन ने भारतीय प्रबंध संस्थान-कोझिकोड में आयोजित एक परिचर्चा में कहा, “क्रिप्टो मुद्राओं को ‘मुद्रा’ नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।”
वासुदेवन ने आगे कहा कि आखिरकार निर्णय सरकार को ही लेना है कि क्रिप्टो मुद्राओं से किस तरह निपटा जाए। आरबीआई (RBI) ने बिटकॉइन ( Bitcoin) जैसी नए जमाने की क्रिप्टो मुद्राओं को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाया हुआ है। उसका कहना है कि ये मुद्राएं वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती हैं।
वर्तमान में, बिटकॉइन ( Bitcoin) को भारत में कोई कानूनी समर्थन नहीं है और निवेशकों को इसमें कारोबार से अर्जित आय पर कर देना पड़ता है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई और कुछ अंतरराष्ट्रीय कार्ड प्रदाताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों पर वासुदेवन ने कहा कि स्व-नियमन वित्त-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बेहतर सुरक्षा कर सकता है।
क्यों RBI क्रिप्टोकरेंसी पर सवाल उठा रहा है?
RBI ने लगातार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर सवाल उठाए हैं। इसका मुख्य कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं होता है और इसका निर्माण किसी भी प्रकार के कच्चे माल या संपत्ति से नहीं होता है। इसलिए RBI इसे मुद्रा मानने से इनकार करता है।
इसके अलावा, RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है। इसका मतलब है कि इनके इस्तेमाल से वित्तीय क्षेत्र और उसके साथ जुड़ी प्रणालियों में गड़बड़ी आ सकती है।
इस तरह के जोखिम की वजह से RBI ने पहले भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया था।
RBI गवर्नर का क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रुख
इससे पहले, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी कह चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश बहुत जोखिम भरा है। उनका कहना है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक का स्टैंड नहीं बदलेगा। पिछले साल भी गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि क्रिप्टो संपत्तियों पर आरबीआई (RBI) प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। आरबीआई (RBI) ने क्रिप्टो करेंसी से हमेशा सभी देशों की आर्थिक स्थिरता को गंभीर खतरा बताया है। इसलिए इसके जोखिम को देखते हुए इस पर पहले लगाया बैन हटाया नहीं जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेन-देन के लिए किया जा सकता है। यह एक क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा प्रणाली का उपयोग करती है जो इसे छेड़छाड़ से बचाने और गोपनीयता बनाए रखने में मदद करती है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का निर्माण और रिकॉर्ड रखना एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क द्वारा किया जाता है, न कि किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा। बिटकॉइन ( Bitcoin) सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है, लेकिन कई अन्य जैसे इथेरियम, लाइटकॉइन, रिपल आदि भी हैं।
क्रिप्टो करेंसी का उपयोग व्यापार और निवेश दोनों के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसके मूल्य में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं और इसे लेकर काफी अनिश्चितता बनी रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का निर्माण और रिकॉर्ड रखना एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क के माध्यम से होता है, न कि किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा। यह नेटवर्क एक लेज़र कहलाता है जो लेन-देन की जानकारी को संग्रहीत करता है।
लेन-देन को सत्यापित करने की प्रक्रिया “खनन” के रूप में जानी जाती है। खनिक अपने कंप्यूटरों का उपयोग जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए करते हैं, जो लेन-देन को सत्यापित करने का काम करता है। एक बार जब लेन-देन सत्यापित हो जाता है, तो यह लेज़र पर जोड़ दिया जाता है।
यह प्रक्रिया क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में शामिल लोगों को विश्वास दिलाती है कि लेन-देन सही है और किसी एक व्यक्ति या एजेंसी द्वारा छेड़छाड़ नहीं की गई है। साथ ही, यह सिस्टम क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा के साथ पारदर्शिता भी प्रदान करता है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश के जोखिम
- अनिश्चितता और अस्थिरता: क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। इस अस्थिरता के कारण निवेशकों को काफी जोखिम उठाना पड़ता है।
- अल्पविकसित नियामक ढांचा: क्रिप्टोकरेंसी एक नए क्षेत्र में है और इसके लिए नियामक ढांचा अभी भी विकासशील अवस्था में है। यह निवेशकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने में कमियों का कारण बनता है।
- साइबर हमले का खतरा: क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल संपत्ति है और इसे साइबर हमलों का खतरा सदैव बना रहता है।
- गैरकानूनी गतिविधियों का जोखिम: क्रिप्टोकरेंसी को गुप्त लेन-देन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो इसे अपराधिक गतिविधियों से जुड़ने का जोखिम पैदा करता है।
- सृजन और हानि का जोखिम: क्रिप्टोकरेंसी की कुंजियों को गंवा देने या उनके खो जाने पर निवेशक अपनी पूरी रकम खो सकता है।
इन जोखिमों को देखते हुए, निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने से पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और जोखिमों को गंभीरता से लेना चाहिए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को कोई कानूनी मान्यता नहीं है। इसके अलावा, निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से अर्जित आय पर कर भी देना पड़ता है।
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने के लिए एक विधेयक तैयार किया है, लेकिन अभी तक इसे पारित नहीं किया गया है। सरकार इस मुद्दे पर अभी भी विचार कर रही है और इसका मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को कुछ प्रतिबंधों के साथ ही मान्यता दी जा सकती है।
हालांकि, सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की अनिश्चितता और जोखिमों को स्वीकार किया है। इसलिए, सरकार की ओर से भी इस मामले में सावधानी बरती जा रही है।
चलिए अब पुरे मामले को इन महत्वपूर्ण बिन्दुओ से समझते है :
- क्रिप्टोकरेंसी को RBI द्वारा ‘मुद्रा’ नहीं माना जाता है क्योंकि इनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।
- RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है।
- भारत में बिटकॉइन ( Bitcoin) को कोई कानूनी मान्यता नहीं है और निवेशकों को इस पर कर देना पड़ता है।
- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को बहुत जोखिम भरा बताया है।
- क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेन-देन के लिए किया जा सकता है।
- क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण और रिकॉर्ड रखना एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क द्वारा किया जाता है।
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के कई जोखिम हैं जैसे अनिश्चितता, अल्पविकसित नियामक ढांचा, साइबर हमले और गैरकानूनी गतिविधियों का खतरा।
- वर्तमान में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कोई कानूनी मान्यता नहीं है और निवेशकों को इस पर कर भी देना पड़ता है।
- भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक विधेयक तैयार किया है लेकिन अभी तक इसे पारित नहीं किया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता मिली है?
नहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कोई कानूनी मान्यता नहीं मिली है। - क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना जोखिम भरा है?
हां, RBI के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बहुत जोखिम भरा है। - क्या RBI क्रिप्टोकरेंसी को ‘मुद्रा’ मानता है?
नहीं, RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को ‘मुद्रा’ नहीं माना जा सकता क्योंकि इनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है। - क्या RBI ने क्रिप्टोकरेंसी पर कभी प्रतिबंध लगाया था?
हां, RBI ने पहले क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया था। - क्या क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणाली के लिए जोखिम पैदा करती है?
हां, RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है। - क्या क्रिप्टोकरेंसी पर कोई कर लगता है?
हां, भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से अर्जित आय पर निवेशकों को कर देना पड़ता है। - क्या RBI का क्रिप्टोकरेंसी के प्रति रुख बदल सकता है?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर RBI का स्टैंड नहीं बदलेगा। - क्रिप्टोकरेंसी किसके द्वारा बनाई जाती है?
क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण और रिकॉर्ड रखना एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क द्वारा किया जाता है, न कि किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा। - क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के क्या जोखिम हैं?
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के कई जोखिम हैं जैसे अनिश्चितता, अल्पविकसित नियामक ढांचा, साइबर हमले और गैरकानूनी गतिविधियों का खतरा। - भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कैसे नियंत्रित करने की योजना बना रही है?
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक विधेयक तैयार किया है लेकिन अभी तक इसे पारित नहीं किया गया है।
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निष्कर्ष
आरबीआई (RBI)के इस नए स्पष्टीकरण से साफ है कि भारतीय नियामक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रति अपने नकारात्मक रुख से पीछे नहीं हटा है। बिटकॉइन ( Bitcoin) और अन्य क्रिप्टो मुद्राओं को देश में कोई कानूनी मान्यता नहीं है, और निवेशकों को इस पर कर देना पड़ता है। इसके अलावा, वित्तीय प्रणाली के लिए इनसे जोखिम भी बढ़ता है। इसलिए, निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने से पहले सावधानी बरतना चाहिए और इसके जोखिमों को गंभीरता से लेना चाहिए।
भारत सरकार भी इस मुद्दे पर सावधान रुख अपना रही है और क्रिप्टो करेंसी को कुछ प्रतिबंधों के साथ ही मान्यता देने पर विचार कर रही है। हालाँकि, अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
इस प्रकार, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक बहुत जोखिमपूर्ण निवेश है और इसमें पैसा लगाने से पहले निवेशकों को इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
आइये फिर से इन bullet points के द्वारा निष्कर्ष निकलते है :
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिर से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाया है।
- RBI के कार्यकारी निदेशक पी वासुदेवन ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को ‘मुद्रा’ नहीं माना जा सकता क्योंकि इनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं होता है।
- आरबीआई (RBI) का कहना है कि ये मुद्राएं वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती हैं।
- भारत में बिटकॉइन को कोई कानूनी समर्थन नहीं है और निवेशकों को इस पर कर देना पड़ता है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख सिर्फ सूचना के उद्देश्य से है और किसी भी तरह का निवेश सलाह देने का इरादा नहीं रखता है। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने से पहले निवेशकों को इसके जोखिमों और नियामकीय स्थिति को गंभीरता से समझना चाहिए। “हिंदी विनी मीडिया” ( Hindi Wini Media ) किसी भी तरह से क्रिप्टोकरेंसी में किए गए निवेश के लिए जिम्मेदार नहीं है।
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