पीएम मोदी ने महसूस किया आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति का प्राचीन युग
पीएम मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं, जिसके दौरान आज उन्होंने सुबह बेट द्वारका में पूजा पाट करने के बाद सुदर्शन सेतु [(Sundarshan Setu)] का उद्धाटन किया। इसके बाद उन्होंने राज्य को 52 हज़ार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की, साथ ही द्वारकानाथ जी (Dwarkadhish temple) के दर्शन भी किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्कूबा डाइविंग के माध्यम से प्राचीन द्वारका के अंदर प्रवेश कर वहां के दर्शन किए, और जनसभा को संबोधित करते हुए अपना यह अनुभव साझा किया।
पीएम मोदी ने समुद्र में स्कूबा डाइविंग के द्वारा प्राचीन द्वारका के दर्शन किए
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि समुद्र में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करने का अनुभव बहुत ही दिव्य था। इसने उन्हें आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरा संबंध महसूस कराया। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ।”
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने द्वारकाधीश मंदिर और शंकराचार्य जी के दर्शन भी किए। शंकराचार्य जी ने उन्हें पवित्र अंगवस्त्र और रुद्राक्ष की माला भेंट की।
प्रधानमंत्री ने किया सुदर्शन सेतु का उद्घाटन, बोले- दशकों का सपना पूरा
दो दिवसीय गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने सुबह बेट द्वारका स्थित मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद उन्होंने 2.32 किमी लंबे समुद्री पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया, जो ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है।
यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है, जिसकी आधारशिला 2017 में प्रधानमंत्री ने रखी थी। 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुआ यह पुल द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन को भी आसान बनाएगा, साथ ही स्थान की धार्मिक महत्ता बढ़ाएगा।
लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, “6 साल पहले मुझे इस सेतु के शिलान्यास का अवसर मिला था। सुदर्शन सेतु ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ेगा। ये सेतु द्वारकाधीश के दर्शन भी आसान बनाएगा और यहां की दिव्यता को भी बढ़ाएगा।”
प्रधानमंत्री आगे कहते हैं, “दशकों तक जो सपना संजोया और आज उस पवित्र भूमि को स्पर्श करके पूरा हुआ…आप कल्पना कर सकते हैं, मेरे भीतर कितना आनंद होगा।”
52 हज़ार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गुजरात को
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गुजरात दौरे के दौरान राज्य को 52 हज़ार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। इनमें प्रमुख हैं:
- ₹10,000 करोड़ के विकास कार्यों की घोषणाएं
- ₹30,000 करोड़ के परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण
- ₹12,000 करोड़ की सड़क परियोजनाओं को हरी झंडी
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने राजकोट एम्स अस्पताल को जनता को समर्पित किया, और वहां 1,500 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की।
गुजरात के विकास और कल्याण के लिए यह वित्तीय सहायता बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे प्रदेश का तेजी से विकास सुनिश्चित होगा।
पीएम मोदी ने अहीर समुदाय की महिलाओं की सराहना की
पीएम मोदी ने अपने भाषण में अहीर समुदाय की 37,000 महिलाओं के एक साथ गरबा करने की भी सराहना की, जिसका वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था।
उन्होंने कहा, “मैं अहीर माता को उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं। 37,000 महिलाओं का गरबा करना कुछ भी नहीं है, इससे भी बड़ा फैक्ट है कि उन सभी के पास कुल मिलाकर कम से कम 25,000 किलोग्राम सोना है।”
यह टिप्पणी अहीर समुदाय की महिलाओं की प्रतिभा और योग्यता का प्रमाण है, जिन्होंने कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
एक नज़र: पीएम मोदी के गुजरात दौरे की मुख्य घटनाक्रम
- बेट द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर में पूजा
- 2.32 किमी लंबे सुदर्शन सेतु का उद्घाटन
- 52 हज़ार करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा
- राजकोट एम्स अस्पताल का लोकार्पण
- समुद्र में स्कूबा डाइविंग कर प्राचीन द्वारका के दर्शन
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया और राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं कीं।
प्रश्नोत्तर (FAQs)
Q. पीएम मोदी ने किस पुल का उद्घाटन किया?
A. सुदर्शन सेतु
Q. पीएम ने गुजरात को कितनी वित्तीय सहायता दी?
A. 52 हज़ार करोड़ रुपये
Q. प्रधानमंत्री ने कहां पर स्कूबा डाइविंग की?
A. प्राचीन द्वारका में
Q. पीएम मोदी गुजरात में कितने दिनों के दौरे पर हैं?
A. दो दिन
Q. प्रधानमंत्री ने किस मंदिर में पूजा की?
A. द्वारकाधीश मंदिर
Q. सुदर्शन सेतु किसे किससे जोड़ता है?
A. ओखा को बेट द्वारका से
Q. पीएम मोदी ने किस अवसर पर भाषण दिया?
A. सुदर्शन सेतु के लोकार्पण पर
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निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया, राज्य को 52 हज़ार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की, और स्कूबा डाइविंग के माध्यम से प्राचीन द्वारका के दर्शन किए। यह दौरा गुजरात के विकास और कल्याण के लिए बहुत ही फलदायी रहा।
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