वाल्मीकि रामायण में भगवान राम को श्यामल वर्ण में बताया गया है, जो काले के करीब है. 

विशेष पत्थर का चयन! ️: - मूर्ति काले "कृष्ण शिला" पत्थर से बनी है जो टिकाऊ और शुभ माना जाता है 

दूरदर्शी सोच! : - काले रंग से धूप-पानी का प्रभाव कम पड़ता है, मूर्ति सदियों तक सुरक्षित रहेगी.

प्राचीन परंपरा का दर्शन!:- प्राचीन मंदिरों में भगवान की मूर्तियों का रंग अक्सर काला या गहरा होता था.

आध्यात्मिक आयाम! ️ - काला ज्ञान, अनंत, और विराट स्वरूप का प्रतीक माना जाता है.

दूध अभिषेक का महत्व! :-दूध से अभिषेक करने पर काले रंग की मूर्ति और भी दिव्य दिखाई देती है.

शिल्पकला का कमाल!: - बारीक नक्काशी और जीवंत भाव के साथ मूर्ति में रामलला का बाल स्वरूप खूबसूरती से उभरा है.

दर्शनियों का अनुभव! : - रामलला की दिव्य मूर्ति दर्शन करने से भक्तों को असीम शांति और आनंद मिलता है.

राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक  - अयोध्या राम मंदिर और रामलला की मूर्ति भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.

आइए, करें दर्शन! - आप भी अयोध्या जाकर रामलला की दिव्य मूर्ति के दर्शन का पुण्यलाभ जरूर लें!

विशिष्ट मुद्रा का रहस्य! :- मूर्ति में रामलला का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है, जो भक्तों को भयमुक्ति का आशीर्वाद देता है. 

 मंदिर निर्माण का चमत्कार! ️ :- अत्याधुनिक तकनीकों और पारंपरिक शिल्प कला के संगम से बना मंदिर अपने आप में दर्शनीय है.

 अध्यात्मिक उर्जा का केंद्र! ️ - अयोध्या सदियों से आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र रहा है, मंदिर दर्शन से आत्मिक शांति मिलती है.

सीता-लक्ष्मण के दर्शन! ✨ - राम मंदिर में रामलला के साथ सीता और लक्ष्मण की भी मनमोहक मूर्तियां स्थापित हैं.

हर किसी के लिए खुला! : - जाति-धर्म के बंधनों से मुक्त, राम मंदिर सभी के लिए खुला है, आस्था का सम्मान किया जाता है

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