अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम के बाल रूप रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई।

 रामलला की भव्य मूर्ति का निर्माण मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगिराज ने किया है।

मूर्ति को ‘ब्लैक स्टोन’ यानि शालिग्राम पत्थर से तराशा गया है।

 मूर्ति की ऊँचाई 51 इंच रखी गई है, जो एक 5 वर्षीय बालक की औसत लंबाई के अनुरूप है।

मूर्ति 200 किलोग्राम का वज़न रखती है और कमलासन पर बैठे बाल स्वरूप में विराजमान है।

 हनुमान जी और गरुड़ की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं।

 हनुमान जी और गरुड़ की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं।

 रामलला को पौराणिक विवरणों के अनुरूप दिव्य स्वरूप प्रदान किया गया है, जो उनकी महिमा को प्रकट करता है और भक्तों के मन में उनके प्रति अटूट श्रद्धा जगाता है।

मंदिर की लंबाई पूर्व-पश्चिम में 380 फीट है, चौड़ाई 250 फीट और ऊँचाई 161 फीट है।

 राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का मुहूर्त तय किया गया था।

राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है।