PM मोदी आचार्य विद्यासागर महाराज के चर्चा करते वक़्त रो पड़े

भारत मंडपम में बीजेपी राष्ट्रीय अधिवेशन 2024 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आचार्य विद्यासागर  की बात कही 

आइये जानते है आचार्य विद्यासागर महाराज के बारे में ...

जन्म और बचपन:  1946 में कर्नाटक में जन्मे, बचपन में 'नीलू' के नाम से जाने जाते थे।

 दीक्षा और आचार्य पद:  1968 में मुनि दीक्षा, 1972 में 26 वर्ष की आयु में आचार्य बने। 

500 से अधिक दिक्षा:  500 से अधिक मुनि और आर्यिकाओं को दीक्षा दी, जैन धर्म का प्रचार किया।

माता-पिता को दीक्षा:  अपनी माता और पिता को भी दीक्षा दी, दोनों ने समाधि ली।

गहन आध्यात्मिक ज्ञान:  जैन धर्मग्रंथों और दर्शन का गहन अध्ययन, ज्ञान का प्रसार।

 भाषाओं का ज्ञान:  संस्कृत और अन्य भाषाओं पर पकड़, ज्ञानवर्धक रचनाएं लिखीं।

जैन ग्रंथों की रचना:  निरंजन शतक, भावना शतक, परीष जया शतक आदि।

हिंदी भाषा का प्रचार:  हिंदी को बढ़ावा देने और न्याय प्रणाली में शामिल करने का अभियान।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड:  11 फरवरी को उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में 'ब्रह्मांड के देवता' के रूप में सम्मानित किया गया था. 

18 फरवरी 2024 को समाधि:  78 वर्ष की आयु में समाधि लेने पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।