गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति और फ्रांस के राष्ट्रपति ने खुली बग्गी पर सवारी की।

 यह बग्गी मूल रूप से ब्रिटिश शासनकाल में भारत के वायसराय की हुआ करती थी।

बग्गी के पहियों पर सोने की परत चढ़ी है और अंदरूनी भाग लाल मखमल से सजाया गया है।

 बग्गी को हासिल करने के लिए भारत और पाकिस्तान ने सिक्का उछाला था।

 सिक्का उछाल में भारत जीता और बग्गी भारत के पास आ गई।

बग्गी का इस्तेमाल अब तक शपथग्रहण समारोहों और बीटिंग द रिट्रीट समारोह में किया जाता था।

 40 साल के बाद बग्गी को फिर से गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल किया गया।

 राष्ट्रपति मुर्मू और मैक्रॉन ने बग्गी से सवारी करते हुए भीड़ का अभिवादन किया।

 बग्गी की वापसी से भारत के गौरवशाली इतिहास की यादें ताजा हो गईं।

बग्गी की वापसी को देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।