
आलस (Procrastination) पर काबू पाने और प्रेरणा (Motivation) को बनाए रखने के आसान और मजेदार तरीके
हाय दोस्तों! स्वागत है आपका Hindi Wini Media पर! आज हम बात करेंगे एक ऐसे दोस्त की, जो चुपके से हमारा समय और सपने चुरा लेता है—आलस (Procrastination)! क्या आपने कभी सोचा कि “ये काम बाद में करूँगा” कहकर कितने मौके हाथ से निकल गए? या फिर प्रेरणा (Motivation) को बनाए रखना कितना मुश्किल लगता है?
अगर हाँ, तो ये Article आपके लिए है! हम इसे आसान और मजेदार तरीके से समझेंगे, जैसे छठी कक्षा के बच्चे अपनी किताब पढ़ते हैं। चाहे आप 25 साल के हों या 65 के, ये टिप्स आपके लिए काम करेंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं!

आलस (Procrastination) क्या है?
आलस वो शरारती दोस्त है जो कहता है, “अरे, अभी मत करो, बाद में देख लेंगे!” जैसे कि आप होमवर्क करने बैठे हों और अचानक टीवी या मोबाइल ज्यादा मजेदार लगने लगे। लेकिन ये सिर्फ काम टालना नहीं है, ये हमारे दिमाग का खेल है। हम जानते हैं कि काम करना जरूरी है, फिर भी उसे छोड़ देते हैं।
आलस (Procrastination) के प्रकार
- लंबे समय का आलस (Chronic Procrastination): ये तब होता है जब आप हर काम को टालते हैं, जैसे बिल भरना या ऑफिस का काम।
- कभी-कभी का आलस (Occasional Procrastination): जब आप सिर्फ कुछ खास कामों को टालते हैं, जैसे कपड़े धोना।
- पढ़ाई का आलस (Academic Procrastination): स्कूल या कॉलेज के बच्चे पढ़ाई को आखिरी दिन के लिए छोड़ देते हैं।
- काम का आलस (Workplace Procrastination): ऑफिस में रिपोर्ट बनाने में देरी करना।
- रचनात्मक आलस (Creative Procrastination): जब कोई कलाकार या लेखक सोचता है कि उसका काम “परफेक्ट” नहीं होगा, तो शुरू ही नहीं करता।
हर किसी का आलस अलग होता है। आपका कौन सा है? इसे समझना पहला कदम है!
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आलस (Procrastination) से क्या नुकसान होता है?
आलस सिर्फ समय की बर्बादी नहीं है, ये हमारी जिंदगी को कई तरीकों से प्रभावित करता है। आइए देखते हैं:
1. काम और पढ़ाई पर असर
अगर आप ऑफिस में काम टालते हैं, तो बॉस नाराज हो सकता है। स्कूल में देरी से असाइनमेंट देने पर नंबर कट सकते हैं। एक स्टडी कहती है कि आलस करने वाले बच्चों के नंबर 70% तक कम हो सकते हैं!
2. सेहत पर असर
जब हम काम टालते हैं, तो दिमाग में तनाव बढ़ता है। इससे सिरदर्द, नींद न आना और पेट की परेशानी हो सकती है। लंबे समय तक ऐसा चले, तो दिल की बीमारी भी हो सकती है।
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3. पैसों का नुकसान
बिल टाइम पर न भरें, तो पेनल्टी लगती है। अगर आप भविष्य के लिए बचत शुरू नहीं करते, तो बाद में पछतावा होता है।
4. रिश्तों में दिक्कत
अगर आप घर का काम टालते हैं, तो परिवार वाले परेशान हो सकते हैं। दोस्तों से वादा करके भूल जाएँ, तो भरोसा टूटता है।
5. आत्मविश्वास कम होना
हर बार जब हम काम टालते हैं, तो अपने ऊपर भरोसा कम होता है। हम सोचते हैं, “मैं कुछ नहीं कर सकता।” ये हमें सपनों से दूर ले जाता है।
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एक कहानी
सोचिए, एक लड़का गिटार सीखना चाहता है। लेकिन आलस के कारण वो हर बार कहता है, “कल से शुरू करूँगा।” सालों बाद, वो अपने दोस्तों को स्टेज पर देखता है और पछताता है। आलस ने उसका सपना छीन लिया।

हम आलस (Procrastination) क्यों करते हैं?
आलस कोई बीमारी नहीं है, ये हमारे दिमाग की शरारत है। आइए इसके कारण समझें:
- हार का डर (Fear of Failure): हमें लगता है कि अगर हम हारे, तो क्या होगा? इसलिए शुरू ही नहीं करते।
- परफेक्शन की चाहत (Perfectionism): सब कुछ “बेस्ट” करना चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि ऐसा न हो, तो रुक जाते हैं।
- स्पष्टता न होना (Lack of Clarity): जब हमें समझ न आए कि कहाँ से शुरू करें, तो हम कुछ करते ही नहीं।
- मजा चाहिए (Instant Gratification): मोबाइल पर वीडियो देखना आसान लगता है, बजाय मेहनत करने के।
- भावनाओं का खेल (Emotional Regulation): जब हम उदास या डरे हुए होते हैं, तो काम से बचते हैं।
एक उदाहरण
मान लीजिए, आपको एक पेंटिंग बनानी है। लेकिन आपको डर है कि लोग हँसेंगे। तो आप सोचते हैं, “अभी मूड नहीं है।” यही आलस है!

आलस (Procrastination) से कैसे छुटकारा पाएँ?
अब मज़ेदार हिस्सा आता है—आलस को हराने के आसान तरीके! ये टिप्स ऐसे हैं जैसे अपने दोस्त को मज़े से काम करवाना।
1. काम को छोटे टुकड़ों में बाँटें (Break Tasks into Smaller Steps)
बड़ा काम डरावना लगता है। इसे छोटे-छोटे हिस्सों में करें। जैसे:
- “कमरा साफ करना” को बाँटें: कपड़े उठाना (10 मिनट), बिस्तर ठीक करना (5 मिनट), झाड़ू लगाना (15 मिनट)।
2. लक्ष्य बनाएँ (Set Clear Goals)
साफ समझें कि क्या करना है। “फिट रहना” की जगह कहें, “हर दिन 10 मिनट टहलूँगा।”
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3. टाइमर लगाएँ (Use the Pomodoro Technique)
25 मिनट काम करें, 5 मिनट आराम। फिर दोहराएँ। ये खेल जैसा लगता है और थकान भी नहीं होती।
4. ध्यान भटकाने वाली चीज़ें हटाएँ (Eliminate Distractions)
मोबाइल को दूर रखें, टीवी बंद करें। शांत जगह पर काम करें।
5. दोस्त की मदद लें (Find an Accountability Partner)
किसी दोस्त को बताएँ कि आप क्या करने वाले हैं। वो आपको याद दिलाएगा।
6. छोटे से शुरू करें (** THEYStart Small**)
“2 मिनट का नियम”: अगर कोई काम 2 मिनट में हो सकता है, तो अभी करें। जैसे, जूते ठीक करना।
7. सपने देखें (Visualize Success)
कल्पना करें कि काम पूरा होने पर कितना अच्छा लगेगा। ये आपको जोश देगा।
8. खुद से प्यार करें (Practice Self-Compassion)
अगर गलती हो जाए, तो खुद को डाँटें नहीं। कहें, “कोई बात नहीं, अब शुरू करते हैं।”
एक प्लान
अगर आपको किताब पढ़नी है:
- लक्ष्य: “10 पेज पढ़ूँगा।”
- टाइमर: 25 मिनट पढ़ाई, 5 मिनट चाय।
- दोस्त को बताएँ: “आज रात तक बताऊँगा कि कहानी में क्या हुआ।”

प्रेरणा (Motivation) को कैसे बनाए रखें?
आलस को हराना तो ठीक है, लेकिन जोश को बनाए रखना भी जरूरी है। ये टिप्स आपकी बैटरी को चार्ज रखेंगे:
1. अपने लिए काम करें (Intrinsic Motivation)
जो काम आपको खुशी दे, उसे करें। जैसे, पढ़ाई इसलिए करें कि आपको सीखना पसंद है, न कि सिर्फ नंबर के लिए।
2. बढ़ने की सोच रखें (Growth Mindset)
सोचें, “मैं अभी अच्छा नहीं हूँ, लेकिन कोशिश से बन जाऊँगा।”
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3. बड़े सपने देखें (Set Meaningful Goals)
ऐसे लक्ष्य बनाएँ जो आपके दिल से जुड़े हों। जैसे, “मैं गाना सीखूँगा ताकि परिवार को खुश कर सकूँ।”
4. अपनी जीत लिखें (Track Progress)
हर दिन जो किया, उसे नोट करें। “आज 5 पेज पढ़े”—ये देखकर जोश आएगा।
5. अच्छे लोगों के साथ रहें (Surround Yourself with Inspiration)
दोस्तों से बात करें जो मेहनत करते हों। उनकी कहानियाँ सुनें।
6. शुक्रिया कहें (Practice Gratitude)
हर दिन 3 चीज़ें लिखें जो आपको अच्छी लगीं। इससे दिमाग खुश रहता है।
एक उदाहरण
अगर आपको दौड़ना शुरू करना है:
- लक्ष्य: “हर दिन 10 मिनट दौड़ूँगा।”
- लिखें: “आज 1 किलोमीटर दौड़ा।”
- इनाम: “शनिवार को पिज़्ज़ा खाऊँगा।”

असली जिंदगी की मिसालें
1. अरुणिमा सिन्हा
एक हादसे में पैर खोने के बाद भी अरुणिमा ने हार नहीं मानी। वो एवरेस्ट पर चढ़ीं और दुनिया को दिखाया कि आलस सपनों से बड़ा नहीं है।
2. जे.के. राउलिंग
हैरी पॉटर की लेखिका को कई बार ना सुनने को मिला, लेकिन उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा। आज उनकी किताबें दुनिया भर में मशहूर हैं।
3. माइकल जॉर्डन
स्कूल में टीम से निकाले गए, लेकिन मेहनत से वो बास्केटबॉल के बादशाह बने।
ये लोग बताते हैं कि मेहनत और जोश आलस को हरा सकते हैं।

टेक्नोलॉजी का रोल
परेशानी
मोबाइल, टीवी और सोशल मीडिया हमें काम से दूर ले जाते हैं। एक स्टडी कहती है कि हम दिन में 2 घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया पर बिताते हैं।
फायदा
- ऐप्स: RescueTime बताता है कि आप कहाँ समय बर्बाद करते हैं।
- सीमाएँ: काम के बाद मोबाइल को 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
- फोकस: “Do Not Disturb” मोड ऑन करें।
रोज़मर्रा की परेशानियाँ और हल
- सब कुछ बड़ा लगे: छोटे टुकड़ों में बाँटें।
- बोरियत: गाना सुनते हुए काम करें।
- डर: सिर्फ अगले कदम पर ध्यान दें।
- थकान: पहले थोड़ा आराम करें।

खुद को परखें
इन सवालों के जवाब लिखें:
- आप सबसे ज्यादा क्या टालते हैं?
- कब आपको आलस आता है?
- क्या आपको भटकाता है?
- टालने के बाद कैसा लगता है?
- पहले क्या काम आया?
इनसे आपको अपनी कमज़ोरी और ताकत पता चलेगी।
आपकी साप्ताहिक योजना
- सोमवार: काम की लिस्ट बनाएँ।
- हर दिन: 1 घंटा अपने लक्ष्य पर दें।
- शुक्रवार: देखें कि आपने क्या हासिल किया।

निष्कर्ष
दोस्तों, आलस (Procrastination) कोई जेल नहीं है जिसमें आप फँस गए हैं। ये एक आदत है, जिसे हम तोड़ सकते हैं। हर छोटा कदम आपको अपने सपनों के करीब ले जाएगा। Hindi Wini Media पर हम आपके साथ हैं। आज से शुरू करें—एक मिनट से ही सही। आपका भविष्य का आप आपको थैंक्यू बोलेगा। हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और अपने दोस्तों को भी बताएँ। चलो, प्रेरणा (Motivation) के साथ आगे बढ़ें!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- आलस करने की आदत को कैसे तोड़ें? (How to Break the Habit of Procrastination)
छोटे कदमों से शुरू करें, टाइमर लगाएँ और दोस्त की मदद लें। - प्रेरणा बढ़ाने के आसान तरीके क्या हैं? (What Are Easy Ways to Boost Motivation)
सपने देखें, अपनी जीत लिखें और अच्छे लोगों के साथ रहें। - आलस से मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है? (How Does Procrastination Affect Mental Health)
ये तनाव और उदासी बढ़ाता है, लेकिन इसे काबू में किया जा सकता है। - काम शुरू करने में देरी को कैसे रोकें? (How to Stop Delaying Tasks)
2 मिनट का नियम आजमाएँ और ध्यान भटकाने वाली चीज़ें हटाएँ। - क्या टेक्नोलॉजी आलस कम करने में मदद करती है? (Can Technology Help Reduce Procrastination)
हाँ, कुछ ऐप्स समय बचाने और फोकस बढ़ाने में मदद करते हैं। - आलस के पीछे का मनोविज्ञान क्या है? (What Is the Psychology Behind Procrastination)
डर, परफेक्शन और मजा ढूंढना इसके बड़े कारण हैं। - लंबे समय तक प्रेरणा कैसे बनाए रखें? (How to Maintain Motivation Long-Term)
बड़े सपने बनाएँ, प्रगति देखें और खुद को इनाम दें।
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