भारत  सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को 2024 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया  है। 

श्री आडवाणी इसे स्वीकार करते हुए अपने परिवार, पार्टी और देशवासियों का आभार व्यक्त किया है। आइये जानते है उनके बारे में... 

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ। उनके पिता एक व्यापारी थे और उनका नाम श्री के डी आडवाणी था। 

भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद आडवाणी परिवार भारत आ गए। आडवाणी ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया। 

आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 

 वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के निकट सहयोगी बने। 

 आडवाणी ने 1957 में लोकसभा चुनाव लड़ा और दिल्ली से सांसद बने। उन्होंने जनसंघ के सचिव,अध्यक्ष और संघर्ष समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। 

 आडवाणी ने आपातकाल के विरोध में अहिंसक आन्दोलन का नेतृत्व किया। उन्हें इस कारण कई बार गिरफ्तार किया गया। उन्होंने जेल में अपनी आत्मकथा 'आ रहा हूँ' लिखी। 

जनता पार्टी के विघटन के बाद आडवाणी ने अतल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। वह पार्टी के महासचिव और बाद में अध्यक्ष बने। 

आडवाणी ने 1990 में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। इस यात्रा ने उनकी लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया।

1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल था ।

 आडवाणी ने 1998 में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और परमाणु परीक्षाओं का समर्थन किया। 

आडवाणी ने 2002 से 2004 तक भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के क्षेत्र में कई पहल की। 

 आडवाणी ने 2004 में लोकसभा चुनावों को भाजपा के नेतृत्व में लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। 

 आडवाणी ने 2009 में लोकसभा चुनावों में फिर से भाग लिया, लेकिन उन्हें फिर से निराशा हाथ लगा।  

आडवाणी ने 2014 में लोकसभा चुनावों में अपनी सीट गांधीनगर से बचाई, लेकिन उन्हें किसी भी मंत्रालय में जगह नहीं मिली। 

आडवाणी ने 2019 में लोकसभा चुनावों में नहीं भाग लिया, लेकिन उन्होंने अपने उत्तराधिकारी अमित शाह को बधाई दी।

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