सुप्रीम कोर्ट ने 24 January को दिए आर्डर में  वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को दोनों पक्षों को उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई थीं ।

सुप्रीम कोर्ट ने  सील किए गए ‘वजूखाने’ के अंदर के कमरे को खोलने की मांग को अस्वीकार कर दिया। 

ASI की खुदाई से मिले सबूत अभी  तक भी  रहस्य बने है ! रिपोर्ट सील, इंतजार जारी, क्या बताते हैं ये अवशेष? 

हिंदू पक्ष: एएसआई (ASI) रिपोर्ट से उन्हें मंदिर के अस्तित्व के पक्ष में सबूत मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में पेश करके वे अपने दावों को मजबूत कर सकते हैं। 

मुस्लिम पक्ष: रिपोर्ट की समीक्षा उन्हें हिंदू पक्ष के तर्कों का जवाब तैयार करने का अवसर देती है। वे रिपोर्ट में किसी भी विसंगतियों या कमियों को उजागर करने का प्रयास कर सकते हैं। 

1991 से सुलगता विवाद! मंदिर के अवशेषों का दावा, मस्जिद की पहचान, इतिहास के अलग-अलग नजरिए। 

निचली अदालतों से सुप्रीम कोर्ट तक सफर! फैसलों का उलझन भरा रास्ता, विवाद पर नया नजरिया बनता रहा। 

एएसआई सर्वे की अनुमति और खुदाई के बाद अब नया मोड़! रिपोर्ट सील, सबूतों पर बहस शुरू होने को 

17वीं सदी के साए में छुपा इतिहास! मुगल काल के दस्तावेजों में ज्ञानवापी का उल्लेख, विवाद की जड़ें।

प्राचीन ग्रंथों और साक्ष्यों की बहस! मंदिर अस्तित्व के दावे, इतिहासकारों की अलग-अलग राय, सच की तलाश जारी।

मस्जिद के रूप में धार्मिक मान्यता! मुस्लिम समुदाय की आस्था, ऐतिहासिक दस्तावेज, विवाद का दूसरा पहलू। 

सामाजिक सद्भाव की परीक्षा! धर्म और समुदायों के बीच तनाव की आशंका, शांति और सद्भाव बनाए रखने की चुनौती। 

सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार! क्या खुलेगी एएसआई रिपोर्ट? विवाद का समाधान कब तक?

इस विवाद में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण है। न्यायपालिका को एक निष्पक्ष और न्यायसंगत फैसला सुनाना चाहिए जो दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखता हो।