चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को हटाया, जो कभी ममता बनर्जी के साथ धरना भी किया था। 

छह अन्य राज्यों के होम सेक्रेटरियों और डीजीपी को भी बदल दिया गया है, लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग  ने  यह बड़ा कदम उठाया है ।

तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और केरल के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी हटाए गए हैं। 

चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है। 

कुछ अधिकारियों को निकालने का आरोप लगा कि वे सत्तारूढ़ दलों के इशारे पर काम कर रहे थे। 

नए अधिकारी चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखेंगे और सभी को समान अवसर मिलेगा। 

राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के इस कदम का स्वागत किया है और निष्पक्ष चुनाव की मांग की है। 

चुनाव आयोग का यह कदम सत्तारूढ़ दलों के लिए एक झटका है क्योंकि अब उन्हें नए अधिकारियों के साथ काम करना होगा। 

कई अधिकारियों को बदलने से सरकारी तंत्र में अस्थिरता आई है लेकिन चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। 

चुनाव आयोग चुनाव व्यवस्था पर निगरानी बनाए रखेगा और आगे भी ऐसे कदम उठाएगा जो निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे।