अब अकेली महिलाएं भी बन सकती हैं माँ! सरोगेसी क़ानून में हुए बड़े बदलाव।

विधवा या तलाकशुदा महिलाओं को सरोगेसी के जरिए अब  मां बनने का अधिकार मिला। 

सरोगेसी के लिए अकेली महिलाओं की उम्र 35 से 45 साल के बीच होनी चाहिए। 

डोनर स्पर्म के उपयोग की दी गई इजाजत, लिव-इन में रहने वालों को नहीं मिलेगी सुविधा। 

चिकित्सा समस्याओं के चलते दंपत्ति डोनर गैमीट (Donor Gametes) का कर सकते हैं उपयोग। 

ज़िला मेडिकल बोर्ड से लेनी होगी डोनर गैमीट (Donor Gametes)  के इस्तेमाल की अनुमति। 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुए हैं सरोगेसी क़ानून में यह बड़े बदलाव। 

सरोगेसी से उन महिलाओं को मौका जो खुद नहीं कर सकतीं गर्भधारण। 

सरोगेसी में शामिल हैं शारीरिक-मानसिक जोखिम, कानूनी पहलुओं को समझें। 

सरोगेसी क़ानून में बदलाव से कई महिलाओं के पूरे होंगे मातृत्व के सपने।