भारत सरकार ने  AI Technology के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए नया नियम लागू किया है। कंपनियों को AI Model  लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी।

मंत्रालय ने कहा है कि सभी प्लेटफॉर्म और मध्यस्थ एआई मॉडल लगाने से पहले स्पष्ट अनुमति लेंगे और यूज़र्स को एआई टेक्नोलॉजी के नुकसानों के बारे में भी सूचित करेंगे।

 प्लेटफॉर्म पर गैरकानूनी कंटेंट, उसकी शेयरिंग या संपादन की अनुमति नहीं होगी। साथ ही चुनावी प्रक्रिया में भेदभाव से बचना होगा।

यूज़र्स को पॉप-अप से एआई-जनित कंटेंट की अविश्वसनीयता के बारे में सूचित किया जाएगा और अकाउंट निलंबन एवं कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जाएगी।

संभावित रूप से भ्रामक कंटेंट को विशिष्ट पहचानकर्ताओं के साथ लेबल करना अनिवार्य है ताकि यूज़र्स इसे पहचान सकें।

 नियमों के उल्लंघन पर आईटी अधिनियम और अन्य कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

एआई टेक्नोलॉजी के विकास और दुरुपयोग से बचाव के लिए सरकार और कंपनियों को एक नियामक ढांचा तैयार करना होगा।

नागरिकों को भी एआई टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूक होना चाहिए और इसके उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए तथा गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए।

 एआई टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार और कंपनियों के बीच संवाद और सहयोग बेहद जरूरी है।

एआई की असीम क्षमताओं को देखते हुए, भविष्य में और अधिक नियमों की आवश्यकता हो सकती है।